हिंदी कहानियां - भाग 184
मेरा प्यार मिल जाए..
मेरा प्यार मिल जाए.. मैं प्राइवेट कंपनी में अकाउंटेंट की जॉब करती हूं। मैं सचिन से बहुत प्यार करती हूं। हमारी दोस्ती 8 साल से है और वह भी मुझसे बहुत प्यार करता है। मेरी मुलाकात उससे 8 साल पहले मेरी किसी फ्रेंड के जरिए हुई थी। हम बेस्ट फ्रेंड बन गए और मुझे पता ही नहीं चला कि कब और कैसे प्यार हो गया। उस समय तो मुझे बहुत पसंद करता था लेकिन अब वह मुझे प्यार करने लगा है और मुझसे शादी करना चाहता है। लेकिन सचिन के पापा उसकी शादी मुझसे नहीं करना चाहते। उसके पापा चाहते हैं कि उनकी कास्ट की लड़की से सचिन की शादी हो। लड़की उन्होंने देख भी ली है और सचिन पर शादी के लिए प्रेशर डाल रहे हैं लेकिन सचिन उस लड़की से शादी नहीं करना चाहता। सचिन मुझे कहता है कि मैं कहीं और शादी कर लूं और मैं उसे कहती हूं कि अगर आपको अपने पापा की मर्जी से शादी करनी है तो कर लो। जब आप शादी कर लोगो तो मैं आपसे बात करना और मिलना छोड़ दूंगी। मेरी उससे अचानक एक हफ्ते से बात नहीं हुई थी और मैंने उसे कॉल किया था तो उसके फोन कभी भाभी उठाती तो कभी भाई। मुझसे कहा कि सचिन शहर से बाहर है मैंने कहा कि सचिन से मेरी कल ही तो बात हुई थी आज वह शहर से बाहर कैसे चला गया। फिर मुझे यह भी हैरानी हुई कि अगर वह बाहर जा रहा था तो मुछे बता कर जाता। फिर मुझे पता चला कि वह हॉस्पिटल में ऐडमिट है। उसके पापा ने उसे शादी के लिए प्रेशर दिया तो उसने गुस्से में कुछ खा लिया था। दो दिन बाद वह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ। जब तक पता नहीं चला कि वह ठीक है मेरी जान अटकी रही। लेकिन अगले ही दिन सुबह सचिन ने मुझे फोन किया और कहा कि मेरी शादी हो गई अब मुझे कॉल मत करना। मैं तुमसे मिलना नहीं चाहता लेकिन 21 फरवरी को तुम्हारे जन्मदिन पर जरूर मिलूंगा। मैंने उसे कहा कि तुम झूठ बोल रहे हो उसने कहा कि नहीं वह सच कह रहा है। मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि वह मुझे प्यार करता है और वह जानबूझ कर झूठ बोल रहा है ताकि मैं उसे भूल जाऊं। मैं सिर्फ अपना प्यार चाहती हूं आशा करती हूं कि मुझे मेरा प्यार मिल जाए। मेरी उससे शादी हो जाए।